-------------माधव मुझे बाँसुरी बजाना सिखा दे-----------
माधव मुझे बाँसुरी बजाना सिखा दे,
बाँसुरी तेरी बजे सुरीली ,
कैसे बजाऊं है ये पहेली ,
अपनी ये कला मुझे सिखा दे,
माधव मुझे बाँसुरी बजाना सिखा दे।
मैं भी यमुना तीरे जाकर ,
मोहन तेरी धुन मे गा कर ,
अपनी राधा संग रास रचाऊं,
मेरी आश जगा दे,
माधव मुझे बाँसुरी बजाना सिखा दे ।
इसी बंसी की धुन पे तुमने
जग को है रिझाया,
मुझको भी हे मुरलीमनोहर
"अमित" धुन मे रमा दे,
इसी बहाने श्याम सुन्दर
तुं अपने दरश दिखा दे,
माधव मुझे बाँसुरी बजाना सिखा दे।
“अमित शाण्डिल्य”
Fun Buzz
コメントを削除
このコメントを削除してもよろしいですか?
T. Shankara
コメントを削除
このコメントを削除してもよろしいですか?