कभी लगती है दादी अम्मा, तो कभी डांटती जैसे हो मेरी अम्मा
कभी गुस्सा तो कभी रूठ जाती है, तो कभी प्यार से पास बुलाती
कभी टप टप आंसू बहाती, तो कभी मंद ही मंद मुस्कुराती
दिल की बड़ी नेक है, सच कहूँ तो मेरी डेज़ी ,रित्ति ,सिमा ,ज्योति ,प्रीति ,सोभा ,नेहा ,अलका ,निम्मी अंजली ,रूपा और जिनका नाम छूट गया वो भी बहन लाखों में एक है