Amit Shandilya chia sẻ một bưu kiện  
  4 yrs

4 yrs

जुटे हुए को तोड़ता था,
आज टूटे हुए को जोड़ दिया ,
पहली वार जीवन मे मैंने ,
जीवन को एक नया मोड़ दिया ।

रिश्ते , नाते, प्यार , वफा,
सब जुड़े है विश्वास की डोर से,
घृणा , द्वेष और नृशंष्यता,
बंधी एक हीं छोड़ से,
हर कटु विचार को अपने ,
मन से बाहर छोड़ दिया ,
पहली बार जीवन मे मैंने ,
जीवन को एक नया मोड़ दिया।

कुछ चीज़ें ऐसी भी हैं ,
जो टूट के फिर ना जुड़ती हैं ,
उसे जोड़ने की कला भी
अंतरमन मे ढूँढ रहा हूँ ,
मानव को मानव से कैसे जोड़ा जाए,
यह हर मानव से पूछ रहा हूँ।

टेढ़े राह के आगे कोई राह नहीं है,
सुगम राह हीं मात्र एक राह सही है,
अब तक चलना सीख रहा था,
आज कलम चलाना सीख गया ।

पहली बार जीवन मे मैंने ,
जीवन को एक नया मोड़ दिया।

“अमित शाण्डिल्य”

  • Giống
  • Yêu và quý
  • HaHa
  • Ồ
  • Buồn
  • Tức giận